क्या इस्लाम में महिला को खेती माना जाता है?

क्या इस्लाम में महिला को खेती माना जाता है? इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है, क्योंकि इसका जवाब देना अश्लीलता से भरा होगा तो पहले ही मैं 18+ की ⚠️ दे देता हु।

अब सवाल का जवाब,

कुरान 2 : 223, कुरान सुरा बकरा आयत 223

औरत आदमी की खेती, इस्लाम में महिला खेती, कुरान  2 : 223, कुरान सूरा बकरा आयत 223

अब आप सोच रहे होंगे की इसका मतलब क्या है, जहा से चाहो वहा से आओ तो इसे भी देखते है

आयत की तफसीर

अनुवाद: देखिए इसका अनुवाद मैं तो क्या गूगल भी नही कर पायेगा,

इस आयत से जुड़ी बुखारी की एक हदीस भी है।

सहिह अल बुखारी 4528

सहिह अल बुखारी 4528

अनुवाद : यहूदी कहा करते थे: "यदि कोई अपनी पत्नी के साथ पीछे से संभोग करता है, तो वह एक भद्दी आंखों वाले बच्चे को जन्म देगी।" तो यह आयत प्रकट हुई: - "तुम्हारी पत्नियाँ तुम्हारी खेती है, इसलिए जब और जैसे चाहो अपनी खेती में आओ या उनके साथ संभोग करो। (2.223)

सहिह मुस्लिम 1435 a

सहिह मुस्लिम 1435 a

सहिह मुस्लिम 1435 b

sahih muslim 1435 b

यदि अब भी आपको समझ नही आया तो चिंता क्यों करते है, मेरे पास भी सांकेतिक भाषा नामक हथियार है

तो हुआ यह की, एक बार कुछ सहाबी, साहब के पास आए और उनसे पूछा की, यहूदी कहते है की, यदि हमने खेतो को पीछे से जोता तो फसल खराब होगी, क्या यह सच है, हम क्या करे, और इस अति आध्यात्मिक और महत्वपूर्ण प्रश्न को सुनकर साहब सोच में पड़ गए 🤔🤔, उन्होंने कहा इतने महत्वपूर्ण प्रश्न का जवाब तो सिर्फ ऊपर वाला ही दे सकता है और उन्होंने ऊपर की तरफ देखा, उनके मन में आवाज आई, गुड क्यूशन, फिर ऊपर वाले का आदेश नाजिल हुआ, तुम्हारी पत्नियां तुम्हारी खेती है, और जब खेत तुम्हारा है तो, तुम्हारी मर्जी तुम उसे कब जोतो, आगे से जोतो या पीछे से जोतो, और ये सब अंधविश्वास है, इससे कोई फसल खराब नही होती। इसलिए निश्चिंत होकर जुताई करो।


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