आज कल एक नया फ़िरक़ा देखने को मिल रहा है, जिसे exmuslims कहते है, "अहले पसंद", अहले पसंद की खासियत ये है की, वो हदीसे और तारीख़ी किताबों को नकार देते है जो उनके खिलाफ जाती है, पर नकारने की भी एक सीमा है, वो कुरान को नहीं झुठला सकते, वरना तो वो इस्लाम से ही बाहर होंगे। तो बहुत से क़ुरानिक भाई आज कल मिल जाते है ये कहते हुए की बाल विवाह को कुरान से साबित करिये, तो अल्लाह सुब्हानहु व तआला के रहमो करम से हम आज ये भी देख लेते है।
क़ुरान सूरा अत तलाक़, आयत 4 (65:4)
And those who no longer expect menstruation among your women – if you doubt, then their period is three months, and [also for] those who have not menstruated. And for those who are pregnant, their term is until they give birth. And whoever fears Allah – He will make for him of his matter ease.
और तुम्हारी औरते में जिन्हे हैज़ (मासिक धर्म) की उम्मीद नहीं रही, अगर तुम्हे शक हो तो उनकी इद्दत (waiting period) तीन महीने है और उनकी भी जिन्हे अभी हैज़ (मासिक धर्म) न आया हो, और हमल वालियों (गर्भवती महिला) की मियाद यह है की वो अपना हमल जन ले।
कुरान की इस सूरा में महिलाओ की इद्दा अवधि (waiting period ) के बारे में बताया गया, इद्दा अवधि इस्लाम में किसी महिला के तलाक के बाद का वो समय है, जब तक वह दूसरा निकाह नहीं कर सकती है। और तलाक तो उसी का हो सकता है जिसकी शादी हुई हो।
आपको क्या लगता है अल्लाह ने उन महिलाओ की इद्दा अवधि का जिक्र क्यों किया है, जिन्हे अभी तक मासिक धर्म की भी शुरवात नहीं हुई हो, किसी भी रिलिजन को उसके स्कॉलर्स से समझना चाहिए, तो चलिए ये देखते है की इस्लामिक स्कॉलर्स ने इस आयत की व्याख्या कैसे की है।
Quran 65.4 Abbas - Tanwîr al-Miqbâs min Tafsîr Ibn ‘Abbâs
(And for such of your women as despair of menstruation) because of old age, (if ye doubt) about their waiting period, (their period (of waiting) shall be three months) upon which another man asked: “O Messenger of Allah! What about the waiting period of those who do not have menstruation because they are too young?” (along with those who have it not) because of young age, their waiting period is three months. Another man asked: “what is the waiting period for those women who are pregnant?” (And for those with child) i.e. those who are pregnant, (their period) their waiting period (shall be till they bring forth their burden) their child. (And whosoever keepeth his duty to Allah) and whoever fears Allah regarding what he commands him, (He maketh his course easy for him) He makes his matter easy; and it is also said this means: He will help him to worship Him well.
जिस पर दूसरे आदमी ने पूछा: "अल्लाह के रसूल! उन महिलाओं की इद्दा अवधि के बारे में क्या जिन्हें अभी तक माहवारी नहीं आई क्योंकि वे बहुत छोटी हैं?” (वे जिन्हे माहवारी नहीं आई है) कम उम्र के कारण उनकी प्रतीक्षा अवधि तीन महीने है।
Quran 65.4 Jalal - Al-Jalalayn
And [as for] those of your women who (read allā’ī or allā’i in both instances) no longer expect to menstruate, if you have any doubts, about their waiting period, their prescribed [waiting] period shall be three months, and [also for] those who have not yet menstruated, because of their young age, their period shall [also] be three months — both cases apply to other than those whose spouses have died; for these [latter] their period is prescribed in the verse: they shall wait by themselves for four months and ten [days] [Q. 2:234]. And those who are pregnant, their term, the conclusion of their prescribed [waiting] period if divorced or if their spouses be dead, shall be when they deliver. And whoever fears God, He will make matters ease for him, in this world and in the Hereafter.
उनकी निर्धारित [इद्दा] अवधि तीन महीने होगी, और [उनके लिए भी] जिन्हे उनकी कम उम्र के कारण अभी तक मासिक धर्म नहीं आया हो, उनकी अवधि [भी] तीन महीने होगी
Quran 65.4-5 Kathir - Ibn Al Kathir
The `Iddah of Those in Menopause and Those Who do not have Menses
Allah the Exalted clarifies the waiting period of the woman in menopause. And that is the one whose menstruation has stopped due to her older age. Her `Iddah is three months instead of the three monthly cycles for those who menstruate, which is based upon the Ayah in (Surat) Al-Baqarah. see 2:228 The same for the young, who have not reached the years of menstruation. Their `Iddah is three months like those in menopause. This is the meaning of His saying
युवतीयो के लिए भी वही, जिन्हे अभी तक मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ हैं। उनकी इद्दाह अवधि तीन महीने की है जैसे कि रजोनिवृत्ति की है।
तो यहाँ बाल विवाह की बात नहीं हो रही बल्कि बच्चियों को तलाक देने पर चर्चा चल रही है, जहा तक रही बच्चियों से शादी की बात तो इस्लाम में लोग अल्लाह के रसूल, सल्लाहु आलेही वस्सलम को फॉलो करते है, उनका जीवन एक आदर्श जीवन है, और विभिन्न सहीह हदीसे ये बयान करती है, की उन्होंने एक 6 साल की बच्ची से निकाह किया और जब वह 9 साल की हुई तो उसके साथ सम्बन्ध बनाये
इसपर बहुत सारे फतवे और हदीसे भी है, आप जाकर उन्हें भी देख सकते है।यदि यह जवाब आपको पसंद आया हो तो आप Saif भाई को धन्यवाद कह सकते है, क्योंकि इस प्रश्न का उत्तर उन्ही की जिज्ञासा पर दिया गया है।
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