क्या इस्लाम में काफिरों की महिलाओ का बलात्कार (Rape) करने की इजाजत है?

अंततः वो सवाल जो लोगो को झकझोर के रख दे, सच कहूं तो, इस्लाम पढ़ने के बाद, रेप जैसे शब्द अब छोटे लगते है

इस्लाम में काफ़िरो की महिलाओ का बलात्कार या रेप(rape) करने की इजाज़त, मोहम्मद साहब, कुरान, सहीह, बुखारी, मुस्लिम, हदीस, अल्लाह, औरते, sex slavery, गनीमत

प्रश्न का जवाब है, बिलकुल है, इस्लाम काफिरों की महिलाओं के न सिर्फ बलात्कार की इजाजत देता है, बल्कि उन्हें खरीदने और बेचने की भी छूट देता है, यहां तक की रेप करते वक्त प्रोटेक्शन या कुछ अन्य उपाय जिससे वह महिला गर्भवती न हो उसकी भी मनाही है। क्योंकि वो उनके लिए माल ए गनीमत है, इस प्रश्न का उत्तर पाने से पहले आपको जानना होगा की माल ए गनीमत होता क्या है? 

जब जब मोमिन, गैर मुस्लिमो पर हमला करते है, या जिसे वो जेहाद कहते है, यदि लोग इस्लाम कबूल कर लेते है, तो वो उनके रास्ते छोड़ देते है, फिर यदि वो पुरुष नही मानते तो, उन्हे मार दिया जाता है, अब चूंकि पुरुष मर चुके है तो उन लोगो की जमीन जायदाद पर किसका हक होगा? इसका जवाब है, इन जेहादियों का, क्योंकि इनको यह उनके खुदा की तरफ से जेहाद के बदले में मिला इनाम है, पर रुकिए… चलिए प्रॉपर्टी का तो ठीक है पर काफिरों की महिलाओं और बच्चों का क्या? तो इसका जवाब है, वो भी माल ए गनीमत है, अर्थात लूट का माल है, और उन्हें भी आपस में बाट लिया जाता है, महिलाओं की बोलिया लगाई जाती है, मुझे याद है मैं एक यजीदी महिला का इंटरव्यू देख रहा था, जो की इस्लामिक स्टेट के गिरफ्त में थी, उसमे वह कहती है, "मुझे बार बार गर्भ निरोधक खिलाई जाती और मेरे साथ रेप किया जाता, क्योंकि उन्हे वीर्य को बाहर छोड़ने की इजाजत नहीं थी और यदि मैं गर्भवती हो जाती तो वो मेरे साथ बार बार ऐसा नहीं कर सकते थे, #माल ए गनीमत 😓

चलिए अब कुछ इस्लामिक सोर्सेज देखते है…

सहिह अल बुखारी 2541 


इब्न `औन ने बताया, मैंने नफी को एक पत्र लिखा और नफी ने अपने पत्र के जवाब में लिखा कि पैगंबर (ﷺ) ने बिना किसी चेतावनी के बानी मुस्तलिक पर अचानक हमला किया था, जबकि वे बेपरवाह थे और उनके मवेशियों को पानी के स्थानों पर पानी पिलाया जा रहा था। उनके लड़ाके मारे गए और "उनकी स्त्रियों और बच्चों को बन्धुआई या गुलामी में ले लिया गया"; उस दिन पैगंबर (ﷺ) को जुवैरिया मिली थी। नफी' ने कहा कि इब्न 'उमर ने उसे उपरोक्त कथन बताया था और इब्न' उमर उस सेना में था।

सहीह मुस्लिम हदीस अध्याय 9  

 

अध्याय (9): यह स्थापित होने के बाद कि वह गर्भवती नहीं है, बंदी(सेक्स स्लेव) के साथ संभोग करने की अनुमति है, और यदि उसका पति है, तो उसका विवाह रद्द कर दिया जाता है जब उसे पकड़ लिया जाता है।

सहिह मुस्लिम 1456 a 


अबू सईद अल-खुदरी (अल्लाह उससे प्रसन्न है) ने बताया कि हनैन की लड़ाई में अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने औटास को एक सेना भेजी और दुश्मन का सामना किया और उनके साथ लड़ा। उन पर काबू पाने और उन्हें बंदी बना लेने के बाद, अल्लाह के रसूल के साथी, उन बंदी महिलाओं के पतियो के बहुदेववादी होने के कारण उन बंदी महिलाओं के साथ sex करने से परहेज कर रहे थे। फिर अल्लाह, परमप्रधान, ने यह आयत प्रकट की

"और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित हैं, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों (अर्थात वे उनके लिए वैध है जब उनकी 'इद्दा अवधि समाप्त हो गई थी)।

 सहिह अल बुखारी 2229 


अबू सईद अल-खुदरी से रिवायत है:

कि जब वह अल्लाह के रसूल (ﷺ) के साथ बैठा था, उसने कहा, "ऐ अल्लाह के रसूल (ﷺ)! हमें लूट के अपने हिस्से के रूप में महिला बांदिया मिली है, और हम उनकी कीमतों में रुचि रखते हैं, coitus interrut us के बारे में आपकी क्या राय है?" पैगंबर (ﷺ) ने कहा, "क्या तुम वास्तव में ऐसा करना चाहते हो? तुम्हारे लिए बेहतर होगा की तुम ऐसा न करो। कोई भी आत्मा जिसका अस्तित्व अल्लाह ने नियत किया है, वह निश्चित रूप से अस्तित्व में आएगा।

coitus interrut us : sexual intercourse in which the penis is withdrawn before ejaculation. 

coitus interrut us  : संभोग में स्खलन से पहले लिंग को बाहर निकालना।

 Sunan Abi Dawud 2172 


मुहैरिज़ ने बयान किया की मै मज्जिद में दाखिल हुआ और अबू सईद अल खुदरी को देखा और उनके पास जाकर बैठ गया और वीर्य को (संभोग करते समय) को बाहर छोड़ देने के बारे में उनसे पूछा। अबू सईद ने कहा कि हम बानू अल मुस्तलिख  की लड़ाई में अल्लाह के रसूल (ﷺ) के साथ गए और उस जंग में कुछ अरब महिलाये लोंडियो के तौर पर हमारे हाथ आई और उस समय हमें महिलाओ की बड़ी इच्छा थी क्योंकि हम अपनी पत्नियों की अनुपस्थिति से पीड़ित थे पर हम उन महिलाओं को बेचना भी चाहते थे (इसलिए इच्छा थी की वो गर्भवती न हो ), इसलिए हमने वीर्य को बाहर छोड़ने की ठानी  (गुलाम महिलाओं के साथ संभोग करते समय)। लेकिन हमने अपने आप से पूछा, की क्या हम बिना अल्लाह के रसूल से इसके बारे में पूछे जबकि वो हमारे साथ है, "वीर्य को बाहर छोड़ सकते है", इसलिए हमने उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, अगर न करो तो कोई हर्ज नहीं, क्योंकि क़ियामत तक जितनी जाने पैदा होनी है, वो होकर रहेगी "

पूरा माजरा क्या है? तो हुआ यह की, एक बार हमारे प्यारे नबी ने, जिहाद किया और वहा से लूट के रूप में माल ए गनीमत प्राप्त की, वो उनके साथ सेक्स तो करना चाहते थे पर वो उन्हें बेचना भी चाहते थे, इसलिए वो नहीं चाहते थे की वो महिलाए गर्भवती हो, तो उनके समर्थकों को एक उपाय सूझा की वह वीर्य को गर्भ में नही जाने देंगे, अर्थात coitus itrrept us की प्रक्रिया अपनाएंगे, इसके बारे में उन्होंने मोहम्मद साहब से सलाह मांगी, उन्होंने सलाह दी की वो ऐसा न करे क्योंकि जो अस्तित्व में आना है वो आएगा। 

अब सोचने वाली बात यह है की, यहां बलात्कार की बात नही हो रही है, बल्कि उन्हें गर्भवती किया जाय या नही इसपर चर्चा चल रही है, 


 Sunan Ibn Majah 2517 


"हम अपनी गुलाम महिलाओं और अपने बच्चों की माओं (उमाहत अवलदीना) को बेचते थे, जब पैगंबर (ﷺ) जीवित थे या हमारे साथ रह रहे थे, और हमें इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा।"

 Sahih al Bukhari 947 

 

अल्लाह के रसूल ने सुबह की नमाज़ पढ़ी, और सवार हुए और कहा, अल्लाह हु अकबर, खैबर बर्बाद हो चुका था, जब हम किसी कौम के करीब पहुंचते है तो, सबसे ज्यादा बदनसीबी उनकी होती है जिन्हे चेतवानी दी गई हो, लोग सड़कों पर निकल आए और कहा मोहम्मद और उसकी फ़ौज, अल्लाह के रसूल ने उन्हें मारकर जीता और, महिलाओं और बच्चों को कैदी बना लिया, सफिया को (सफिया मोहम्मद साहब की wife थी जो उन्हे इसी जंग में मिली थी) दिह्या अल-कलबी ने ले लिया था और बाद में वह अल्लाह के रसूल की थी जिसने उन्होंने शादी की और उसकी महर(महर अरब संस्कृति में, एक तरह का सुरक्षा रकम होती है जो महिलाओं के हक में लिखी जाती है, लड़के द्वारा दि जाती है) उसकी आजादी थी।

चूंकि मोहम्मद साहब ने हमला करके साफिया को गुलाम बना लिया था इसलिए, सफीया की आजादी ही उसकी महर थी।

सफीया की पूरी कहानी यहां पढ़े …

ऐसे ही जुबेरिया को उस इंसान के साथ सोना पड़ा जिसके सहाबियो ने उसके पति को मारा था, और उसकी कहानी भी दर्दनाक ही है

जुवेरिया की पूरी कहानी यहाँ पढ़े 

बहुत से मोमिन यह तर्क देते है, की उन्होंने तो विधवा महिलाओं के साथ शादी की, पर हमे देखना चाहिए की उन्हें विधवा किया किसने था। ये बिलकुल ऐसा है मैं किसी के घर में घुसता हु, वहा के आदमी को मारकर उसकी पत्नी और प्रॉपर्टी को हथिया ली, उसकी पत्नी को दो ऑप्शन दू की या तो मेरी गुलाम लौंडी बने या मुझसे शादी कर ले, और लोग कहे मैने तो उस महिला से शादी करके उस पर अहसान किया है। 

यह जान लीजिए की इस लूट से मोहम्मद साहब को क्या मिलता था, तो इसका जवाब है, इस लूट का पांचवा हिस्सा।

अब कुरान से लीजिए  

 कुरान, सुरा अन अनफाल, आयत 69। कुरान 8:69 

अतः जो कुछ ग़नीमत का माल तुमने प्राप्त किया है, उसे वैध-पवित्र समझकर खाओ और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है। (69)

इसमें खाओ का मतलब माल ए गनीमत को भोगने से है लिखा quran.com से भी देख लेते है।

यहां अल्लाह अपने बंदों को आदेश दे रहा है की, लूट मार से मिला सामान पवित्र है, उन्हे भोगों.. उसका आनंद लो

कुरान सुरा अन निसा आयत 3, कुरान 4:3 

और यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम अनाथों (अनाथ लड़कियों) के प्रति न्याय न कर सकोगे तो उनमें से, जो तुम्हें पसन्द हों, दो-दो या तीन-तीन या चार-चार से विवाह कर लो। किन्तु यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम उनके साथ एक जैसा व्यवहार न कर सकोगे, तो फिर एक ही पर बस करो, या उस स्त्री (लौंडी) पर जो तुम्हारे क़ब्ज़े में आई हो, उसी पर बस करो। इसमें तुम्हारे न्याय से न हटने की अधिक सम्भावना है। (3)

कुरान सुरा अन निसा आयत 24, कुरान 4:24 

इस आयत से पहले यह हदीथ देखते है।

सहिह मुस्लिम 1456 a 

अबू सईद अल-खुदरी (अल्लाह उससे प्रसन्न है) ने बताया कि हनैन की लड़ाई में अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने औटास को एक सेना भेजी और दुश्मन का सामना किया और उनके साथ लड़ा। उन पर काबू पाने और उन्हें बंदी बना लेने के बाद, अल्लाह के रसूल के साथी, उन बंदी महिलाओं के पतियो के बहुदेववादी होने के कारण उन बंदी महिलाओं के साथ sex करने से परहेज कर रहे थे। फिर अल्लाह, परमप्रधान, ने यह आयत प्रकट की

"और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित हैं, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों (अर्थात वे उनके लिए वैध है जब उनकी 'इद्दा अवधि समाप्त हो गई थी)।

कुरान 4:24 

और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित हैं, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों। यह अल्लाह ने तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दिया है। इनके अतिरिक्त शेष स्त्रियाँ तुम्हारे लिए वैध हैं कि तुम अपने माल के द्वारा उन्हें प्राप्त करो उनकी पाकदामनी की सुरक्षा के लिए, न कि यह काम स्वच्छन्द काम-तृप्ति के लिए हो। फिर उनसे दाम्पत्य जीवन का आनन्द लो तो उसके बदले उनका निश्चित किया हुआ हक़ (मह्र) अदा करो और यदि हक़ निश्चित हो जाने के पश्चात तुम आपम में अपनी प्रसन्नता से कोई समझौता कर लो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। निस्संदेह अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है।

इसलिए यहां जिन विवाहित स्त्रियों की बात हो रही है, वो वह महिलाए है, जिनके पति जिंदा थे और उन्हें मोहम्मद साहब द्वारा गुलाम बना दिया गया था, चूंकि उनके पति जिंदा थे तो इस कारण सहाबी, उनके साथ सेक्स करने से कतरा रहे थे, मतलब उनमे भी इतनी अच्छाई बाकी थी की वो उन महिलाओ का रेप नहीं करना चाहते थे पर अल्लाह ने कहा विवाहित स्त्रिया भी वर्जित है। 

कुरान सुरा अल मोमिनुन कुरान 23 : 6  

सिवाय इस सूरत के कि अपनी पत्नियों या लौंडियों के पास जाएँ कि इसपर वे निन्दनीय नहीं हैं। (6)

यहां गुलाम महिलाओं के साथ सेक्स को मान्यता दी जा रही है।

कुरान 70:29, कुरान 70:30 

जो अपनी पत्नियों या जो उनकी मिल्क में हों उनके अतिरिक्त दूसरों से अपने गुप्तांगों की रक्षा करते हैं।(29)  

तो इस बात पर उनकी कोई भर्त्सना नहीं। -(30)

कुरान सुरा अल अहजाब, कुरान 33:50 

ऐ नबी! हमने तुम्हारे लिए तुम्हारी वे पत्नियाँ वैध कर दी हैं जिनके मह्र तुम दे चुके हो, और उन स्त्रियों को भी जो तुम्हारी मिल्कियत में आईं, जिन्हें अल्लाह ने ग़नीमत के रूप में तुम्हें दी और तुम्हारी चचा की बेटियाँ और तुम्हारी फूफियों की बेटियाँ और तुम्हारे मामुओं की बेटियाँ और तुम्हारी ख़ालाओं की बेटियाँ जिन्होंने तुम्हारे साथ हिजरत की है और वह ईमानवाली स्त्री जो अपने आपको नबी के लिए दे दे, यदि नबी उससे विवाह करना चाहे। ईमानवालों से हटकर यह केवल तुम्हारे ही लिए है, हमें मालूम है जो कुछ हमने उनकी पत्ऩियों और उनकी लौंडियों के बारे में उनपर अनिवार्य किया है - ताकि तुमपर कोई तंगी न रहे। अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है।(50)  

और यह तो उन्होंने साबित कर दिया की वो, men will be men के ब्रांड एंबेसडर है, सब उन पर हलाल है, और अगर कोई महिला भले ही वो शादी शुदा हो, चाहे तो, उन्हें खुद को भेंट कर सकती है।

बहुत से मोमिन यह बहाना बनाते है, काफ़िर तो इस्लाम के दुश्मन थे, यदि इसे मान भी लिया जाए तो क्या  काफिरों की सजा उनकी महिलाओं को देना जायज था, क्या उन महिलाओं के बलात्कार को यह कहकर सही ठहराया जा सकता है, की वो काफिर की पत्नियां या बहने थी।

सच कहूं तो मैं बहुत कम लिख पाया हु, पर उम्मीद है की जितना लिख पाया उससे आपको समझा पाया होऊंगा। 

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