इस्लाम के अनुसार देखा जाए तो यह बात बिलकुल सच है, मोहम्मद साहब ने एक 6 साल की बच्ची, आयशा जो की अबु बक्र की बेटी थी, से निकाह किया और जब वह 9 साल की हुई तो शादी को पूरा किया, अर्थात उनके साथ हम बिस्तरी की, इसकी हमे दो हदीस भी मिलती है,
Sahih Al Bukhari 5134
Translation : आयशा ने कहा की, जब वह 6 साल को थी तब मोहम्मद साहब ने उनसे निकाह किया और जब वह 9 साल की हुई तो निकाह को पूरा किया
हिशाम ने कहा : मुझे सूचित किया गया है की आयशा 9 साल (यानी उनकी मृत्यु तक) के लिए पैगंबर के साथ रही।
Sahih Al Bukhari : 3894
सुनाया आयशा:
जब मैं छह (वर्ष) की लड़की थी, तब पैगंबर (ﷺ) ने मुझसे सगाई की। हम मदीना गए और बनी-अल-हरीथ बिन खजराज के घर पर रुके। फिर मैं बीमार हो गई और मेरे बाल झड़ गए। बाद में मेरे बाल बड़े हो गए (फिर से) और जब मैं अपनी कुछ सहेलियों के साथ झूले में खेल रही थी, तब मेरी माँ उम रुमान मेरे पास आईं। उसने मुझे बुलाया, और मैं उसके पास गई, न जाने वह मेरे साथ क्या करना चाहती थी। उसने मेरा हाथ पकड़ कर घर के दरवाजे पर खड़ा कर दिया। तब मेरी सांस फूल रही थी, और जब मेरी सांस ठीक हो गई, तो उसने थोड़ा पानी लिया और उससे मेरे चेहरे और सिर को रगड़ा। फिर वह मुझे घर में ले गई। वहाँ घर में मैंने कुछ अंसारी महिलाओं को देखा, जिन्होंने कहा, "शुभकामनाएँ और अल्लाह का आशीर्वाद और शुभकामनाएँ।" फिर उसने मुझे उनके हवाले कर दिया और उन्होंने मुझे (शादी के लिए) तैयार किया। अचानक मेरे पास अल्लाह का रसूल आए और मेरी माँ ने मुझे उसके हवाले कर दिया, और उस समय मैं नौ साल की लड़की थी।
ये दोनो ही हदीस ऑथेंटिक और सहिह हदीथ है। और इसे आयशा ने नरेट किया है, अर्थात आयशा खुद कह रही है की, जब वह 6 साल की थी तब मोहम्मद साहब ने उनसे निकाह और 9 साल की उम्र में निकाह को पूरा किया।